बोर्ड परीक्षा 2025 में बड़ी खुशखबरी! 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए लागू हुए 2 नए नियम Board Exam 2025

Board Exam 2025: सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए 2025 की बोर्ड परीक्षा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियम जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनके समग्र विकास को बढ़ावा देना है। बोर्ड का मानना है कि स्कूल केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करने के केंद्र नहीं हैं, बल्कि छात्रों के सामाजिक, भावनात्मक और शैक्षणिक विकास के लिए महत्वपूर्ण वातावरण प्रदान करते हैं।

इन नए नियमों के अनुसार, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी। यह नियम छात्रों को नियमित रूप से स्कूल आने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, बोर्ड ने कुछ विशेष परिस्थितियों में 25% की छूट का भी प्रावधान किया है। आइए इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानें।

बोर्ड परीक्षा 2025 के नए नियम

सीबीएसई बोर्ड ने 2025 की परीक्षा के लिए दो प्रमुख नियम लागू किए हैं:

बोर्ड परीक्षा 75% उपस्थिति अनिवार्य

सीबीएसई बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति होनी चाहिए1। यह नियम छात्रों को नियमित रूप से स्कूल आने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। नियमित उपस्थिति से छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से लाभ होगा, बल्कि उनके समग्र व्यक्तित्व विकास में भी मदद मिलेगी।

बोर्ड परीक्षा में विशेष परिस्थितियों में 25% की छूट

बोर्ड ने कुछ विशेष परिस्थितियों में 25% तक की छूट का प्रावधान किया है1। इसमें चिकित्सा आपात स्थिति, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी, या अन्य गंभीर कारण शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इस छूट के लिए आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।

बोर्ड परीक्षा में उपस्थिति की गणना

छात्रों की उपस्थिति की गणना 1 जनवरी 2025 तक की जाएगी6। इसका मतलब है कि छात्रों को अकादमिक सत्र की शुरुआत से ही नियमित रूप से स्कूल आना होगा। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सटीक उपस्थिति रिकॉर्ड रखें और समय-समय पर माता-पिता को इसकी जानकारी दें।

बोर्ड परीक्षा में अनुपस्थिति के लिए दस्तावेज

अगर कोई छात्र किसी चिकित्सा आपात स्थिति या अन्य वैध कारण से स्कूल नहीं आ पाता है, तो उसे तुरंत स्कूल को सूचित करना होगा और उचित दस्तावेज जमा करने होंगे1। बिना लिखित अनुरोध के छुट्टी को अनधिकृत अनुपस्थिति माना जाएगा।

स्कूलों की जिम्मेदारी

स्कूलों को छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने होंगे:छात्रों और माता-पिता को 75% उपस्थिति नियम के बारे में सूचित करनादैनिक उपस्थिति रजिस्टर का रखरखाव करनाकक्षा शिक्षक और स्कूल के सक्षम अधिकारी द्वारा उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवानाअगर कोई छात्र बार-बार स्कूल नहीं आता है या उपस्थिति की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है, तो माता-पिता को लिखित रूप में सूचित करना

बोर्ड द्वारा निरीक्षण

सीबीएसई किसी भी समय स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण कर सकता है1। अगर निरीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि छात्र उचित छुट्टी के रिकॉर्ड के बिना अनुपस्थित हैं, तो यह माना जाएगा कि वे नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में, उन्हें बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नए नियमों का महत्व

इन नए नियमों का उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। नियमित उपस्थिति से छात्रों को कई लाभ होते हैं:बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन: नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने से छात्रों को पाठ्यक्रम को बेहतर ढंग से समझने और अपने प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलती है।सामाजिक कौशल का विकास: स्कूल में नियमित उपस्थिति से छात्रों को अपने साथियों और शिक्षकों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है, जो उनके सामाजिक कौशल को बढ़ाता है।अनुशासन और जिम्मेदारी: नियमित उपस्थिति छात्रों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित करती है, जो उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।समय प्रबंधन: नियमित स्कूल जाने से छात्र अपने समय का बेहतर प्रबंधन करना सीखते हैं।पाठ्येतर गतिविधियों में भागीदारी: स्कूल में नियमित उपस्थिति से छात्रों को विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलता है, जो उनके व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

माता-पिता और छात्रों के लिए सुझाव

इन नए नियमों को ध्यान में रखते हुए, माता-पिता और छात्रों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें: छात्रों को हर दिन स्कूल जाने की आदत डालनी चाहिए। माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे बिना किसी वैध कारण के स्कूल न छोड़ें।बीमारी की स्थिति में सूचित करें: अगर छात्र बीमार है या किसी अन्य कारण से स्कूल नहीं जा सकता, तो तुरंत स्कूल को सूचित करें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें।उपस्थिति रिकॉर्ड की जांच करें: माता-पिता को नियमित रूप से अपने बच्चे की उपस्थिति रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए और अगर कोई समस्या है तो स्कूल प्रशासन से संपर्क करना चाहिए।समय प्रबंधन सिखाएं: छात्रों को अपना समय इस तरह से प्रबंधित करना सिखाएं कि वे नियमित रूप से स्कूल जा सकें और साथ ही अपने अन्य कार्यों को भी पूरा कर सकें।स्कूल गतिविधियों में भाग लें: छात्रों को स्कूल की विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उनकी रुचि स्कूल में बनी रहेगी और वे नियमित रूप से स्कूल आएंगे।

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