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व्यापार का अर्थ
- पेशा, काम–धंधा, रोज़गार, वाणिज्य
व्यापार का अर्थ है माल (सामान) को खरीदने और बेचने की व्यवस्था को व्यापार कहते है बिक्री, स्थानांतरण या विनिमय नकद या उधार के लिए हो सकता है। जो व्यक्ति खरीदने और बेचने का काम करता है जो व्यापार में लगे होते हैं उन्हें व्यापारी कहा जाता है। व्यापार उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच संबंध बनाता है और व्यक्ति की बाधाओं को भी दूर करता है।
व्यापार को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है
- आंतरिक और बाहरी व्यापार
भूमंडलीकरण का अर्थ
भूमंडलीकरण (Globalization) एक प्रक्रिया है जिसमें दुनिया भर के विभिन्न देशों और संस्थाओं के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और तकनीकी संबंधों को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
व्यापार और भूमंडलीकरण
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.रेशम माग कहाँ से आरंभ होता था?
उत्तर-रेशम मार्ग का आरंभ चीन से होता था।
प्रश्न 2.गुलामी प्रथा का प्रचलन किस देश में था?
उत्तर-गुलामी प्रथा का प्रचलन इंगलैंड, जर्मनी एवं फ्रांस में था।
प्रश्न 3.कॉर्न लॉ किस देश में पारित किया गया था ?
उत्तर-कॉर्न लॉ को ब्रिटेन में पारित किया गया था।
प्रश्न 4.अमेरिका में वृहत उत्पादन व्यवस्था किसने आरंभ की?
उत्तर-हेनरी फोर्ड ने अमेरिका में वृहत उत्पादन व्यवस्था को आरंभ किया।
प्रश्न 5.गिरमिटिया मजदूर किस देश से ले जाए जाते थे ?
उत्तर-गिरमिटिया मजदूर भारत से ले जाए जाते थे।
प्रश्न 6.अमेरिका के उपनिवेशीकरण में किसका महत्वपूर्ण योगदान था?
उत्तर-अमेरिका के उपनिवेशीकरण में इंगलैंड का महत्वपूर्ण योगदान था।
प्रश्न 7.अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय किन तीन प्रवाहों पर आधृत है ?
उत्तर-अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय तीन प्रवाहों पर आधारित हैं वे हैं व्यापार, श्रम एवं पूंजी।प्रश्न 8.गिरमिटिया मजदूर कौन थे?उत्तर-औपनिवेशिक देशों के ऐसे मजदूर जिन्हें एक निश्चित समझौता द्वारा निश्चित समय के लिए अपने शासित क्षेत्रों में ले जाया जाता था, गिरमिटिया मजदूर कहलाते थे
प्रश्न 9.ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में स्थापित दो वित्तीय संस्थाओं के नाम लिखें।
उत्तर-ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में स्थापित दो वित्तीय संस्थाओं के नाम हैं-अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवंविश्व बैंक।
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20 शब्दों में उत्तर दें)
प्रश्न 1.विश्व बाजार किसे कहते हैं ?
उत्तर-बाजार जहाँ विश्व के सभी देशों की वस्तुएं आमलोगों को खरीदने के लिए उपलब्ध हों। जैसे, भारत की आर्थिक राजधानी ‘मुम्बई।
प्रश्न 2.औद्योगिक क्रान्ति क्या है?
उत्तर-उत्पादन के क्षेत्रों में मशीनों और वाष्प की शक्ति के उपयोग से जो व्यापक परिवर्तन हुए और इन परिवर्तनों के कारण लोगों की जीवन पद्धति और उनके विचारों में जो मौलिक परिवर्तन हुए उसे ही औद्योगिक क्रान्ति कहते हैं।
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प्रश्न 3.आर्थिक संकट से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-अर्थतंत्र में आनेवाली वैसी स्थिति जब उसके तीनों आधार कृषि, उद्योग और व्यापार का विकास अवरुद्ध हो जाए, आर्थिक संकट कहलाता है।
प्रश्न 4.भूमंडलीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-जीवन के सभी क्षेत्रों में एक अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप जिसने दुनिया के सभी भागों को आपस में जोड़ दिया है-सम्पूर्ण विश्व एक बड़े गाँव के रूप में परिवर्तित हो गया।
व्यापार और भूमंडलीकरण Trade And Globalization Class 10th
प्रश्न 5.ब्रिटेन वुड्स सम्मेलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर-द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार बनाये रखना एवं विश्वशांति स्थापित करना।
प्रश्न 6.बहुराष्ट्रीय कंपनी क्या है ?
उत्तर-कई देशों में एक ही साथ व्यापार और व्यवसाय करने वाली कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनी कहा जाता है।
व्यापार और भूमंडलीकरण Trade And Globalization Class 10th Objective And Subjective Question Answer 2024
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)
प्रश्न 1.1929 के आर्थिक संकट के कारणों को संक्षेप में स्पष्ट करें।
उत्तर-नवीन तकनीकी प्रगति तथा बढ़ते हुए मुनाफे के कारण उत्पादन में जो भारी वृद्धि हुई उससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि जो कुछ उत्पादित किया जाता था, उसे खरीद सकने वाले लोग बहुत कम थे।विश्व के सभी भागों में कृषि उत्पादन एवं खाद्यान्नों के मूल्य की विकृति।
प्रश्न 2.औद्योगिक क्रान्ति ने किस प्रकार विश्व बाजार के स्वरूप को विस्तत किया ?
उत्तर-औद्योगिक क्रान्ति ने बाजार को तमाम आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बना दिया। इसी के साथ जैसे-जैसे औद्योगिक क्रान्ति का विकास हुआ बाजार का स्वरूप विश्वव्यापी होता चला गया और 20वीं शताब्दी के पहले तक तो इसने सभी महादेशों में अपनी उपस्थिति कायम कर ली।
प्रश्न 3.विश्व बाजार के स्वरूप को समझावें।
उत्तर-औद्योगिक क्रान्ति के फैलाव के साथ-साथ बाजार का स्वरूप विश्वव्यापी होता गया। इसने व्यापार, श्रमिकों का पलायन और पूंजी का प्रवाह इन तीन आर्थिक प्रवृत्तियों को जन्म दिया।व्यापार मुख्यतः कच्चे मालों को इंगलैंड और अन्य यूरोपीय देशों तक पहुँचाने और वहाँ के कारखानों में निर्मित वस्तुओं को विश्व के कोने-कोने में पहुंचाने तक सीमित था।
प्रश्न 4.भूमंडलीकरण में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के योगदान (भूमिका) को स्पष्ट करें।
उत्तर-1980 के दशक के बाद आर्थिक रूप से काफी जर्जर हो चुकी स्थिति के प्रभाव को कम करने में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का योगदान काफी सराहनीय रहा जिसने भूमंडलीकरण को बढ़ावा दिया।
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Trade And Globalization Class 10th Objective And Subjective Question Answer 2024 व्यापार और भूमंडलीकरण
प्रश्न 5.1950 के बाद विश्व अर्थव्यवस्था के पुनर्निमाण के लिए किए जाने वाले प्रयासो का उल्लेख करें।
उत्तर-द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद उससे उत्पन्न समस्या को हल करने तथा व्यापक तबाही से निबटने के लिए पुनर्निर्माण का कार्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आरंभ हुआ। 1957 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय, यूरोपीय इकॉनॉमिक कम्युनिटि (ई. ई. सी.) की स्थापना की गयी। इसमें फ्रांस, प. जर्मनी, बेल्जियम, हालैण्ड, लग्जमबर्ग और इटली शामिल हुआ। इन देशों ने एक साझा बाजार स्थापित किया। 1960 में ग्रेट ब्रिटेन इसका सदस्य बना। तत्कालीन विश्व के दोनों महत्वपूर्ण आर्थिक शक्तियाँ सं. रा. अमेरिका एवं सोवियत रूस अपना प्रभाव स्थापित करना चाहते थे। इस प्रयास में अमेरिका की सहायता, विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भरपूर सहायता की। जबकि रूस ने अपने विचारों और राजनैतिक शक्ति का इस्तेमाल ज्यादा किया। दोनों देशों ने अपनी नीतियों के अनुसार विश्व के दो देशों का सहयोग किया।
प्रश्न 6.विश्व बाजार के लाभ-हानि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर-विश्व बाजार के लाभ-विश्व बाजार ने व्यापार और उद्योग को तीव्रगति से बढ़ाया। आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था के उदय में सहायता की। औपनिवेशिक देशों में यातायात के साधनों, खनन, बागवानी जैसे संरचनात्मक क्षेत्र का विकास हुआ। कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया। नवीन तकनीकों को सृजित किया। शहरीकरण के विस्तार में सहायता की।विश्व बाजार की हानि – इससे औपनिवेशिक देशों का शोषण और तीव्र हो गया। लघु तथा कुटीर उद्योग नष्ट होने लगे।
व्यापार और भूमंडलीकरण प्रश्न उत्तर वर्ग 10th
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)
प्रश्न 1 1929 के आर्थिक संकट के कारण और परिणामों को स्पष्ट करें।
उत्तर-आर्थिक संकट के कारण- इसका बुनियादी कारण स्वयं इसकी अर्थव्यवस्था के स्वरूप में ही समाहित था जो निम्न है-बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार- यूरोप को छोड़कर शेष सभी देशों में बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार होता गया जिससे मुनाफे बढ़ते चले गये, दूसरी तरफ अधिकांश लोग गरीबी और अभाव में पिसते रहे।उत्पादन में वृद्धि नवीन तकनीकी प्रगति तथा बढ़ते हुए मुनाफे के कारण उत्पादन में – तो भारी वृद्धि हुई लेकिन उसे खरीदने वाले लोग कम थे।कृषि उत्पादन एवं खाद्यान्नों के मूल्य की विकृति-कृषि क्षेत्र में भी अति उत्पादन के कारण उत्पादों की कीमतें गिरने लगी जिससे किसानों की आय घटने लगी। अतः ज्यादा माल बेचकर अपनी आय स्तर को बनाए रखने के लिए किसानों में होड़ मच गयी।कर्म का प्रभाव-1920 के मध्य में बहुत सारे देशों ने अमेरिका से कर्ज लेकर युद्ध हो चुकी अपनी अर्थव्यवस्था को नए सिरे से विकसित करने का प्रयास किया। लेकिन में घरेल स्थिति में संकट के कुछ संकेत मिलने से वे लोग कर्ज वापस माँगने लगे। इससे के समक्ष गहरा आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ।अमेरिका में संकट अमेरिका में संकट के लक्षण प्रकट होते ही उसने अपने संरक्षण के लिए आयात शुल्क में वृद्धि कर दी तथा आयात की मात्रा को सीमित कर दिया। संकट का असर धीरे-धीरे अन्य देशों में प्रकट होने लगा और वे प्रयास करने लगे कि अपनी आवश्यकता : अधिकांश वस्तुएँ स्वयं ही उत्पादित कर लें, जिसमें आर्थिक राष्ट्रवाद संकुचित होने लगा और व्यापार की कमर टूट गयी।आर्थिक संकट के परिणाम-मंदी के कारण बैंकों ने लोगों को कर्ज देना बन्द कर दिए। कों की वसूली तेज कर दी।किसान अपनी उपज को नहीं बेच पाने के कारण बर्बाद हो गए।कारोबार के ठप पड़ने से बेरोजगारी बढ़ी, कर्ज की वसूली नहीं होने से बैंक बर्बाद हो गए।लगभग 110000 कंपनियाँ चौपट हो गई।